नई दिल्ली। ब्रिटेन की प्रसिद्ध कॉफ़ी शृंखला ब्रांड कोस्टा कॉफ़ी (Costa Coffee) ने भारतीय बाज़ार में अपनी मजबूत पकड़ जारी रखी है। पिछले वित्त वर्ष (2024-25) में, कंपनी की परिचालन आमदनी (operational revenue) में 30.76 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई, जो 198.5 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इस दौरान, कोस्टा कॉफ़ी का लाभ (profit) भी 28.4 प्रतिशत बढ़कर 149.7 करोड़ रुपये हो गया, जो भारत में इसकी बढ़ती लोकप्रियता और सफल परिचालन को दर्शाता है। यह आंकड़ा भारतीय बाज़ार में कॉफ़ी संस्कृति के बढ़ते क्रेज और कोस्टा कॉफ़ी की आक्रामक विस्तार रणनीति का सीधा परिणाम है।
स्टोर्स का आक्रामक विस्तार
देवयानी इंटरनेशनल लिमिटेड (Devyani International Limited – DIL) की हालिया वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, कोस्टा कॉफ़ी की यह उल्लेखनीय वित्तीय वृद्धि मुख्य रूप से इसके स्टोर विस्तार (store expansion) के कारण हुई है। पिछले वित्त वर्ष में, कंपनी ने अपने आउटलेट की संख्या में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की। यह **179 आउटलेट्स से बढ़कर 220 हो गई, जिससे कोस्टा कॉफ़ी की पहुंच देश के विभिन्न शहरों और प्रमुख स्थानों तक बढ़ी है। यह आक्रामक विस्तार रणनीति कंपनी को व्यापक ग्राहक आधार तक पहुंचने और भारतीय उपभोक्ताओं के बीच अपनी ब्रांड पहचान (brand identity) को मजबूत करने में मदद कर रही है।
अगर हम पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के आंकड़ों से तुलना करें, तो कंपनी की परिचालन आय उस समय 151.8 करोड़ रुपये और लाभ 116.6 करोड़ रुपये रहा था। इन आंकड़ों को देखते हुए, वर्तमान वित्त वर्ष में दर्ज की गई वृद्धि बेहद प्रभावशाली है, जो यह दर्शाती है कि भारतीय बाज़ार कोस्टा कॉफ़ी के लिए एक महत्वपूर्ण विकास इंजन बन रहा है।
चुनौतियों के बावजूद मजबूत मार्जिन और लाभ
विकास की इस शानदार कहानी के बीच, कुछ परिचालन चुनौतियाँ भी सामने आई हैं। कोस्टा कॉफ़ी का सकल मार्जिन (gross margin) वित्त वर्ष 2023-24 के 76.8 प्रतिशत से मामूली रूप से घटकर पिछले वित्त वर्ष में 75.4 प्रतिशत रह गया। डीआईएल ने इस गिरावट का मुख्य कारण **कॉफ़ी बीन्स और अन्य कच्चे माल (raw materials) की कीमतों में आई महंगाई को बताया है। बढ़ती इनपुट लागतों (input costs) के बावजूद कंपनी का लाभ बढ़ना उसकी मजबूत परिचालन दक्षता (operational efficiency), बेहतर लागत प्रबंधन (cost management) और उच्च बिक्री वॉल्यूम (sales volume) को दर्शाता है।
डीआईएल की रिपोर्ट ने कुछ अन्य मेट्रिक्स (metrics) पर भी प्रकाश डाला। इसमें कहा गया, “ब्रांड योगदान मार्जिन (brand contribution margin) 17 प्रतिशत से घटकर 16.1 प्रतिशत हो गया, और प्रति स्टोर औसत दैनिक बिक्री (Average Daily Sales – ADS) 33,000 रुपये से घटकर 27,000 रुपये रह गई।” ADS में यह मामूली गिरावट नए स्टोर्स के खुलने और ग्राहकों के वितरण (customer distribution) के कारण हो सकती है, क्योंकि नए स्टोर्स को स्थापित होने और पूरी क्षमता से चलने में समय लगता है। हालांकि, समग्र बिक्री वृद्धि ने इस चुनौती को सफलतापूर्वक ऑफसेट (offset) कर दिया है, जिससे कंपनी का कुल राजस्व और लाभ प्रभावित नहीं हुआ।
वैश्विक शीर्ष बाजारों में शामिल होने का लक्ष्य
कोस्टा कॉफ़ी भारत में अपने फ्रेंचाइज़ी भागीदार देवयानी इंटरनेशनल लिमिटेड (DIL) के माध्यम से संचालन करती है। डीआईएल एक प्रमुख क्यूएसआर (क्विक सर्विस रेस्तरां – Quick Service Restaurant) शृंखला परिचालक है, जिसके पास भारत में फास्ट-फूड और बेवरेज (beverage) सेगमेंट में गहरा अनुभव और व्यापक नेटवर्क है। यह साझेदारी कोस्टा कॉफ़ी को भारतीय बाज़ार की जटिलताओं को समझने और अपने विस्तार लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से प्राप्त करने में मदद करती है।
इस साल अप्रैल में भारत आए कोस्टा कॉफ़ी के वैश्विक मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) **फिलिप शेली (Philippe Schaillee) ने भारत के लिए अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं का खुलासा किया था। शेली ने कहा था कि ब्रिटिश कॉफ़ी शृंखला ब्रांड के लिए भारत शीर्ष पांच वैश्विक बाज़ारों (top five global markets) में शामिल होगा। यह एक बहुत ही महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, लेकिन कंपनी के मौजूदा प्रदर्शन और भारतीय कॉफ़ी बाज़ार की तेजी से बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए यह हासिल किया जा सकता है।
वर्तमान में, कोस्टा कॉफ़ी ब्रांड, जो अब पेय पदार्थ बनाने वाली प्रमुख कंपनी कोका-कोला (Coca-Cola) के स्वामित्व में है, वैश्विक स्तर पर शीर्ष दस बाज़ारों में शामिल है। कोका-कोला जैसे वैश्विक दिग्गज का स्वामित्व भी कोस्टा कॉफ़ी को भारत जैसे विकासशील बाजारों में निवेश करने और अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए आवश्यक वित्तीय और रणनीतिक समर्थन प्रदान करता है।